महाराष्ट्र : शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह एक कैंटीन कर्मचारी की पिटाई करते दिख रहे हैं। यह वीडियो मंगलवार रात मुंबई के आकाशवाणी विधायक गेस्ट हाउस का है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद खराब दाल परोसने को लेकर है। गेस्ट हाउस में ठहरे कई विधायकों ने खाने की खराब क्वालिटी की शिकायत की थी। जब वही खाना बुलढाणा विधायक गायकवाड़ को परोसा गया, तो वे भड़क गए। गायकवाड़ कैंटीन में आए और कर्मचारियों की पिटाई कर दी।
विधायक ने कैंटीन संचालक के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन में शिकायत दर्ज कराने की भी धमकी दी। मामले को लेकर विधायक संजय गायकवाड़ ने बुधवार को कहा- वहाँ खाने की क्वालिटी ठीक नहीं थी। मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। शिवसेना की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। विधायक गायकवाड़ ने बुधवार को कहा- कल रात करीब 9.30 बजे मैंने खाना ऑर्डर किया। जब मैंने दाल-चावल का एक निवाला मुँह में डाला, तो वह बहुत गंदा लगा। दूसरा निवाला खाते ही मुझे उल्टी हो गई। मैंने खाना सूँघा तो सड़ा हुआ लगा। बदबू आ रही थी।
मैंने कैंटीन वालों से पहले ही ताज़ा खाना परोसने को कहा था। वे 15 दिन पुराना चिकन, 20 दिन पुराना मटन, 10 दिन पुराने अंडे और चार दिन पुरानी सब्ज़ियाँ देते हैं। इतना समझाने के बाद भी उन्होंने ऐसा ही किया। मैं खाना लेकर नीचे गया और मैनेजर को फ़ोन किया। पूछा- क्या यह खाना आपके यहाँ का है? उसने कहा- हाँ, मैंने उसे सूंघने को कहा तो उसने कहा- बदबू आ रही है। मैंने दूसरे कर्मचारियों और ग्राहकों से भी सूंघने को कहा। सबने कहा- यह खाने लायक नहीं है।
जब हिंदी, मराठी, अंग्रेज़ी समझ में नहीं आती, तो यह शिवसेना का स्टाइल है। चार साल में कई बार शिकायत की। समिति अध्यक्ष और एमडी से भी शिकायत की। जब कोई इंसान नहीं सुधरता, तो यही हमारा स्टाइल है। विधायक बोले- हमने उसे हिंदी या मराठी की वजह से नहीं पीटा। विधायक बोले- वहाँ घटिया क्वालिटी का खाना परोसा जा रहा था। पूरे राज्य से कर्मचारी, अधिकारी, सभी वहाँ आकर खाना खाते हैं। यह सरकारी कैंटीन है, वहाँ खाने की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।
उन्होंने कहा- मैं एक जनप्रतिनिधि हूँ। जब कोई लोकतांत्रिक भाषा नहीं समझता, तो मुझे उसे इसी भाषा में समझाना पड़ता है। अगर ये लोग दोबारा ऐसा करेंगे, तो मैं उन्हें फिर से पीटूँगा। मैंने यह देखकर नहीं पीटा कि वे मराठी हैं या हिंदी।
